जे.सी.बोस विश्वविद्यालय करेगा 10वें आईएसएफटी-2024 सम्मेलन की मेजबानी

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10वें आईएसएफटी सम्मेलन के अधिकारिक पोस्टर का विमोचन करते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर एवं आयोजन टीम के अन्य सदस्य।

● अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अधिकारिक पोस्टर का किया गया विमोचन
● सतत प्रौद्योगिकी तथा चुनौतियां पर केन्द्रित होगा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
फरीदाबाद (नेशनल प्रहरी/ रघुबीर सिंह)।
भारत में फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2024) की मेजबानी जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद करेगा। यह सम्मेलन सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी (एसएफएसटी) के संयुक्त तत्वावधान तथा देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के सहयोग से विश्वविद्यालय परिसर में 8 से 13 जनवरी 2024 तक आयोजन किया जायेगा।
‘एक बेहतर ग्रह के लिए सतत प्रौद्योगिकींः चुनौतियां और 2050 के लिए हमारी तैयारी’ विषय पर होने वाले इस सम्मेलन के दौरान एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला भी आयोजित की जायेगी। इस सम्मेलन में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑन फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, केटेंग कॉर्पोरेशन, दक्षिण कोरिया तथा राजमंगला यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सुवर्णभूमि, थाईलैंड भी भागीदारी करेंगी। यह दूसरा अवसर है जब विश्वविद्यालय इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
विश्वविद्यालय द्वारा आज सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार गर्ग ने कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किये जबकि सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी (एसएफएसटी) की ओर से चेयरमैन डाॅ. आर.सी. सिंह ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर सम्मेलन के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सम्मेलन की आयोजन समिति के सदस्य प्रो. नवीन कुमार, प्रो. विक्रम सिंह, प्रो. मनीष वशिष्ठ, प्रो. पूनम सिंघल तथा अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की एक बार पुनः मेजबानी मिलना सम्मान की बात है। यह सम्मेलन अकादमिक एवं शोध संस्थानों, औद्योगिक विशेषज्ञों, प्रबंधकों, इंजीनियरों इत्यादि के लिए मंच उपलब्ध करवायेगा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मौजूदा चुनौतियों के लिए समाधान प्रदान करेगा। यह सम्मेलन शिक्षाविदों और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को भी बढ़ावा देगा तथा हाल में विकसित नवीनतम प्रौद्योगिकीय अनुसंधानों को भी प्रदर्शित करेगा।
कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग ने बताया कि सम्मेलन में देश व विदेशों से 500 से ज्यादा शिक्षाविद्, तकनीकीविद् और वैज्ञानिक हिस्सा लेने की संभावना है, जिसमें से 50 से अधिक प्रतिनिधि अमेरिका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, जापान सहित अन्य देशों से होंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के लिए 10 मुख्य वक्ताओं ने पुष्टि की है। आयोजन टीम सतत प्रौद्योगिकी और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 व्यापक विषयों पर शोध पत्र आमंत्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकी का आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में फ्यूजन द्वारा नये अनुसंधान है। इसलिए, यह एक ऐसा विषय है, जिस पर व्यापक चर्चा और परस्पर संवाद की आवश्यकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए, आईएसएफटी सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरूआत 2011 में हुई थी और अब तक नौ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत सहित अन्य देशों में आयोजित हो चुके है। इस सम्मेलन के आयोजन में 12 देशों की सहभागिता रहती है। प्रतिवर्ष सम्मेलन में लगभग 500 शोध पत्र एवं लेख प्राप्त होते है, जिस पर व्यापक चर्चा की जाती है।
उन्होंने बताया कि सोसायटी फॉर फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी अकादमिक एवं अनुसंधान, उद्यम, इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर से लोग का समूह है, जिनका उद्देश्य अंतःविषय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है। सोसाइटी शिक्षा और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक प्रयासों में व्यवस्थित अध्ययन और अनुसंधान करती है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की हुई है। इस तरक्की के साथ तालमेल बनाये रखने के लिए उद्देश्य से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 10वें अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।