बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान पर बड़ा खुलासा, फुस्स हुए सारे दावे

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● आरटीआई कार्यकर्ताओं ने किए फरीदाबाद और पलवल क्षेत्र मे लगातार लापता महिलाओं के आंकड़ों को प्रस्तुत
फरीदाबाद (नेशनल प्रहरी/ रघुबीर सिंह)।
क्राईम अगेंस्ट वूमैन और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर अब तक हुए सरकार के कार्यो पर बड़ा खुलासा शहर के युवा अनशनकारी समाजसेवी अभिषेक गोस्वामी ने इण्डस्ट्रीयल एरिया स्थित एक होटल में एक प्रैस वार्ता कर किया। इस प्रैस वार्ता में अनशनकारी बाबा रामकेवल, आरटीआई एक्टिविस्ट लाखन सिंह, समाजसेवी प्रीतपाल सिंह और अमृतलाल ने मौजूद रहे।
अभिषेक गोस्वामी ने प्रेसवार्ता में देश में महिलाओं की गुमसुदगी, दहेज उत्पीडऩ, घरेलू हिंसा, बलात्कार जैसे संवेदनसील मुद्दों को लेकर आवाज उठाई गई। जिसमें लगातार देश में हो रही लापता लड़कियों और महिलाओं का लिखित आंकड़ा आरटीआई और नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की रिपोर्ट के आधार पर बताया गया। अभिषेक गोस्वामी ने देश के साथ-साथ अपने फरीदाबाद और पलवल क्षेत्र मे लगातार लापता महिलाओं के आंकड़ों को प्रस्तुत किया। ये सभी आंकड़े बेहद डराने और चौंकाने वाले है। आरटीआई के तहत बताया गया कि फरीदाबाद पुलिस पर क्राइम अगेंस्ट वूमैन पर डाली गई आरटीआई का पुलिस द्वारा जबाब न देना अन्य शहरों की अपेक्षा फरीदाबाद में महिलाओं की गुमशुदगी की अत्यंत भयावय स्थिति की ओर इशारा करता है जिसे सरकार और पुलिस प्रशासन छुपाना चाहती है। वही दूसरी ओर पलवल पुलिस में डाली गई आरटीआईसे पता चला कि हर 2 दिन में 3 लड़कियां गांव और शहर से गायब हो रही है जोकि बेहद डराने वाला दृश्य है। पलवल में पिछले 3 साल में 1350 लड़कियां और महिलाएं गायब है जिनमे से मात्र 561 ही बरामद हुई है। हथीन मे 111 महिलाओं के लापता होने की डिटेल है। साथ ही पलवल महिला थानों में दहेज उत्पीडऩ के 2431 में से 2064 का निपटान थाने में ही हो जाना कही न कही महिलाओं पर दबाव डालकर किया गया निपटान जाहिर करता है। साथ ही गदपुरी थाना प्रभारी द्वारा झूठी जानकारी आरटीआई में देने पर पलवल एसपी द्वारा सरकारी सेवाशर्तो के अनुरूप काम न करने पर कोई कार्यवाही न करना भी पुलिस के ढीले-ढाले रवैये को दर्शाता है।
2019-21 तक में केंद्रीय ग्रह मंत्रालय द्वारा संसद में 13.13 लाख से अधिक महिलाओं और लड़कियों की देश में गुमशुदगी की जानकारी दी गयी है। एनसीआरबी के रिकॉर्ड अनुसार बिहार में 14896, कर्नाटक-14201, हरियाणा-12622, यूपी-12249, दिल्ली-29676, तमिलनाडू-23964, छत्तीसगढ़-22126, तेलंगाना-15828, गुजरात-15221 महिलाएं देशभर से लगातार लापता हो रही है।
अनशनकारी बाबा राम केवल का कहना है कि ये सभी जानकारियां क्राइम अगेंस्ट वीमेन पर जीरो टॉलरेन्स की सरकार और पुलिस प्रशासन की नीतियों पर एक काला धब्बा और नेताओ द्वारा जनता से वोट लेने के लिए एक छलावा नजर आता है क्योंकि वास्तविकता भूतल से कोसों दूर है। ये सभी आंकड़े सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर साफ दिखाते है।
बाबा रामकेवल ने कहा कि हरियाणा सरकार को पीपीपी(पुलिस-पब्लिक और प्रैस ) के माध्यम से समस्याओं का हल निकालना चाहिए। ताकि अचानक गुस्साए में लिए फैसले सूझबूझ से निपटा जा सकें और पारदर्शिता बनी रहे और लोगों को न्याय भी जाए।
प्रीतपाल सिंह का कहना है कि देश में नाबालिग बच्चियों की गुमशुदगी 251430 है और वयस्क महिलाओं की गुमशुदगी 1064648 है जोकि एक बड़ा आंकड़ा है और कही न कही ह्यूमन टै्रफकिंग की ओर इशारा करता है। एक्टिविस्ट लाखन सिंह का स्पष्ट कहना है कि सच्चाई देश से छुपाई जा रही है क्योंकि महिलाओं के प्रति ज्यादातर क्राइम की संख्या बीजेपी शासित राज्यों में है जिसमें यूपी प्रथम है और उसी राह पर हरियाणा के स्मार्ट सिटी फरीदाबाद, पलवल, गुडग़ांव अग्रसर है जिन्हें खट्टर सरकार और पुलिस आम जनता से दोनों छुपाना चाह रहे है क्योकि सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसा स्लोगन धूमिल होता है।
समाजसेवी अभिषेक गोस्वामी सहित सभी का क्राइम अगेंस्ट वीमेन जैसे मुद्दे पर स्पष्ट कहना है कि सरकार और सभी विपक्षी दलों को महिला-पुरूष में बिना भेदभाव किये जीरो टॉलरेन्स की नीति पर काम करना होगा। पुलिस प्रशासन को सख्ताई से कानून को भूतल पर इम्प्लीमेंट करना होगा और सरकार को सीधे तौर पर प्रशासन पर पैनी नजर बनाए रखने पड़ेगी। साथ ही सभी दलों को महिलाओं के प्रति हुए अपराधों को लेकर सजग होना पड़ेगा और उनकी मदद खुलकर करनी होगी। 21वीं सदी के भारत में महिलाओं को भी सभी क्षेत्रों मे बराबर की भूमिका से देखना होगा और ह्यूमन ट्रेफकिंग को रोकना होगा और देश मे नए सख्त कानून बनाने होंगे।