मल्लिकार्जुन खरगे बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष,26 अक्तूबर को संभालेंगे कार्यभार

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  • – सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पीएम मोदी ने दी बधाई
    नई दिल्ली (नेशनल प्रहरी/ संवाददाता )।
    मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। 9,800 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने वोट दिया था। इनमें से 7,897 वोट खरगे के पक्ष में पड़े। वहीं, उनके विरोधी शशि थरूर को एक हजार से ज्यादा वोटों से ही संतोष करना पड़ा। 416 वोट खारिज कर दिए गए। थरूर ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने ट्वीट करके खरगे को जीत की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने इसे पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की जीत बताया।
    खरगे के अध्यक्ष बनने से पार्टी में क्या बदलाव होगा?
    इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। एक समय जिस पार्टी की पूरे देश में सरकार हुआ करती थी, आज वो दो राज्यों तक सिमटकर रह गई है। उनमें भी स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है। ऐसे वक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना, पार्टी के लिए बड़ी बात है। हालांकि, इसके कुछ बिंदुओं पर नजर डालें तो ये बदलाव से ज्यादा विवाद की तरफ बढ़ता दिख रहा है।’
    अब मल्लिकार्जुन खरगे के बारे में जान लीजिए
    खरगे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर यहां सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। यहां वह स्टूडेंट यूनियन के महासचिव भी रहे। गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद वकालत करने लगे। 1969 में वह एमकेएस मील्स कर्मचारी संघ के विधिक सलाहकार बन गए। तब उन्होंने मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी। वह संयुक्त मजदूर संघ के प्रभावशाली नेता रहे।
    1969 में ही वह कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें गुलबर्गा कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया। 1972 में पहली बार कर्नाटक की गुरमीतकल विधानसभा सीट से विधायक बने। खरगे गुरमीतकल सीट से नौ बार विधायक चुने गए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों में मंत्री का पद भी संभाला। 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। 2008 तक वह इस पद पर बने रहे। 2009 में पहली बार सांसद चुने गए।
    खरगे गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाते हैं। इसका समय-समय पर उनको इनाम भी मिला। साल 2014 में खरगे को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2020 में राज्यसभा भेज दिया। पिछले साल गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हुआ तो खरगे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया।
    लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरों से हमें मिलकर लड़ना है: खरगे
    कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमें उन फासीवादी ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा जो लोकतंत्र और संविधान पर हमला कर रही हैं। लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरों से हमें मिलकर लड़ना है।
    मल्लिकार्जुन खरगे की विजय, कांग्रेस की विजय: थरूर
    कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव मल्लिकार्जुन खरगे से हारने के बाद शशि थरूर ने कहा कि उन्होंने पार्टी के चुनाव प्राधिकरण पर कभी संदेह नहीं जताया। मैं असहमति के लिए उम्मीदवार नहीं था, बल्कि बदलाव के लिए उम्मीदवार था। मल्लिकार्जुन खरगे की विजय, कांग्रेस की विजय है। शशि थरूर ने पार्टी अध्यक्ष चुनाव पर कहा कि इसका आगामी चुनावों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा जिन्हें कांग्रेस को लड़ना है, कार्यकर्ता जाग गए हैं ।
    पीएम मोदी ने दी बधाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी।
    सोनिया गांधी,कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खरगे को दी बधाई:निवर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने पर मल्लिकार्जुन खरगे को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने उनकी पत्नी राधाबाई खरगे से भी मुलाकात की।
    मेरी भूमिका खरगे साहब तय करेंगे: राहुल गांधी
    आंध्र प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं अपनी और ना ही कांग्रेस के अध्यक्ष की भूमिका के बारे में कुछ कह सकता हूं। वह काम (मल्लिकार्जुन) खरगे साहब का है। मेरी भूमिका क्या होगी वह नए अध्यक्ष तय करेंगे।
    खरगे की जीत के बाद समर्थकों में जबरदस्त उत्साह: कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खरगे की जीत के बाद कांग्रेस समर्थकों में जश्न का माहौल है। ढोल-नगारे बजाकर जश्न मनाया जा रहा है।