आस्था पर बुल्डोजर: 66 साल पुरानी रामलीला कमेटी की धर्मशाला व दुकानों पर चला नगर निगम का बुल्डोजर, बीस दुकानें तोड़ी

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● लोग जय श्रीराम के नारे लगाते जेबीसी के सामने लेटे, पुलिस से खदेड़ा
फरीदाबाद (नेशनल प्रहरी/ रघुबीर सिंह)।
हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम की टीम ने सोमवार को एनआईटी एक स्थित सरकारी जमीन पर बनी दुुकानों व धर्मशाला को लोगों के विरोध के बीच ध्वस्त कर दिया। इस दौरान लोग जय श्रीराम के नारे लगाते हुए जेसीबी के आगे लेट गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। सरकारी जमीन पर लोगों ने कई साल से कब्जा कर रखा था।
एनआईटी एक स्थित विजय रामलीला कमेटी एवं धर्मशाला ने सरकारी जमीन पर कई साल से कब्जा किया था। धर्मशाला के साथ ही कई भवन दो मंजिला बने हुए थे। हाईकोर्ट ने इस जगह को खाली कराने का आदेश दिया है। सोमवार सुबह दस बजे निगम की टीम ड्यूटी मजिस्ट्रेट कार्यकारी अभियंता नितिन कादियान के साथ मौके पर पहुंची। इस दौरान एसीपी मोनिका, निगम के एसडीओ सुमेर सिंह, जेई समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू होते ही दुकानदार और अन्य लोग विरोध करने लगे। भारी संख्या में स्थानीय लोग आ गए और जय श्री राम के नारे लगाते हुए जेसीबी के सामने लेट गए। अधिकारियों के आदेश मिलते ही पुलिस ने लोगों को खदेड़ दिया।
इसके बाद दो मंजिला बने भवनों को तोड़ने का काम शुरू हो गया। टीम ने राम-लक्ष्मण की मूर्ति को छोड़कर अधिकांश हिस्से को तोड़ दिया। पांच बजे तक चली कार्रवाई में पूरा भाग गिरा दिया गया। दोपहर बाद पूर्व मेयर अशोक अरोड़ा मौके पर पहुंचे तो लोगों ने विरोध किया। कार्रवाई के दौरान बजरंगदल के नेता बिट्टू बजरंगी पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें मौके पर फटकने नहीं दिया। कार्रवाई के दौरान लोगों को दुकानों से सामान निकालने का मौका भी दिया गया।
दो हजार गज पर किया था कब्जा: निगम के लीगल अधिकारी सतीश आचार्य ने बताया कि दो हजार गज जमीन पर लोगों ने कब्जा किया था। इसमें करीब 1500 गज में लोगों ने अवैध दुकानें या भवन बना लिया था। यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चला। इसमें हाईकोर्ट ने जगह खाली करने का आदेश दिया था। इस पर टीम ने सभी को जगह खाली करने का नोटिस दिया था, लेकिन लोग खाली नहीं कर रहे थे। इस पर निगम की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर अधिकांश हिस्से को तोड़ दिया है। आचार्य ने बताया कि यह जमीन पुर्नवास विभाग की थी। लोगों ने बताया कि यहां पर रामलीला का आयोजन होता रहा है। इसके बाद लोग इसके आसपास जमीन पर कब्जा कर दुकानें बनी लीं।
दो बार पहले टीम लौट चुकी थी: इससे पहले भी नगर निगम की टीम दो बार अवैध कब्जे को हटाने गई थी, लेेकिन लोगों के विरोध के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। एक बार टीम ने कुछ तोड़फोड़ किया था लेकिन पूरी कार्रवाई नहीं हो पाई थी। इस पर टीम भारी पुलिस बल के साथ अचानक तोड़फोड़ का कार्यक्रम बनाया और कब्जे ध्वस्त कर दिए। सोमवार सुबह सभी को जानकारी मिली कि एनआईटी में अवैध कब्जा हटाने हैं।