हरियाणा में इंजीनियरिंग कार्यों के लिए ठेकेदारों की राह अब और भी होगी आसान

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● हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने प्रशासनिक सचिवों के साथ अहम बैठक, सीएम घोषणाओं के तहत 7 हजार से अधिक परियोजनाएं पूरी
● पर्वतिया कॉलोनी, फरीदाबाद में देरी व काम में लापरवाही करने के चलते मुख्यमंत्री ने एक्सीएन पर दिए कार्रवाई के आदेश
● अब 5-6 दिनों में होने वाला काम केवल 3-4 घंटों में होगा,राज्य सरकार अपनाएगी ई-बैंक गारंटी की अवधारणा
चंडीगढ़ (नेशनल प्रहरी/ संवाददाता)।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां सीएम घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु प्रशासनिक सचिवों के साथ अहम बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान वर्ष 2018 में पर्वतिया कॉलोनी, फरीदाबाद के जलघर में पार्क बनाने की घोषणा पर हुई देरी व संबंधित एक्सईएन द्वारा 3 से अधिक बार निविदा प्रक्रिया का हवाला देकर काम में लापरवाही बरतने के चलते मुख्यमंत्री ने संबंधित एक्सीएन पर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सीएम घोषणाओं के तहत लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), विकास एवं पंचायत, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय विभागों और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश देते हुए कहा कि वर्ष 2020 तक की लंबित घोषणाओं को इस वर्ष में ही पूरा करने का काम करें, ताकि आम जनता को इन परियोजनाओं का लाभ तुरंत मिल सके। इसके अलावा, वर्ष 2021, 2022 की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी लाई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परियोजनाओं का आवश्यक अध्ययन करने के बाद, ऐसी परियोजनाओं की एक अलग सूची तैयार की जाए, जो अभी संभव नहीं हैं, ताकि लंबित घोषणाओं की वास्तविक संख्या का पता लग सके। इसके अलावा, जो काम अलॉट हो गए हैं, उन्हें भी जल्द पूरा करवाया जाए।
वजीराबाद में बन रहे स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राव बीरेंद्र सिंह के नाम पर होगा: बैठक के दौरान जिला गुरुग्राम के वजीराबाद में लगभग 10 एकड़ में बनाये जाने वाले स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ली गई हैं। जल्द ही सभी प्रक्रियाएं पूरी करके कार्य का आवंटन कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राव बीरेंद्र सिंह के नाम पर रखने का आदेश दिया।
पंचायतें विकास कार्यों की मांग भेजे, राज्य सरकार ग्रांट देने को तैयार: विकास एवं पंचायत विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरपंचों से बातचीत कर उनके द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों की सूची मांगी जाए, ताकि जल्द से जल्द कार्यों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायतों को ग्रांट देने के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें विकास कार्यों की मांग भेजनी पड़ेगी, इसलिए सभी सरपंचों, ग्राम सचिव, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी व जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर विस्तार से इस बारे जानकारी दी जाए।
मनोहर लाल ने विभिन्न शहरों में बनाई जाने वाली मल्टी लेवल पार्किंग के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि पार्किंग के लिए एक मानकीकृत डिजाइन तैयार करवाया जाए, जिससे कंस्लटेंट नियुक्त करने, आर्किटेक्चर डिजाइन बनाने से लेकर अनुमति प्राप्त करने तक की प्रक्रिया से छूट मिलेगी और कार्य जल्द हो सकेंगे। साथ ही, इस प्रकार के कार्य नगर निगम को सौंपे जाए, ताकि वे अपने स्तर पर ही पार्किंग का निर्माण करवा सकें।
युवाओं को उद्यमी बनाने हेतु इंजीनियरिंग वर्क्स के लिए नये ठेकेदार तैयार करने के लिए कोर्स डिजाइन किए जाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को जॉब सीकर की बजाय जॉब गीवर बनाने की दिशा में बढ़ते हुए इंजीनियरिंग वर्क्स के लिए नये ठेकेदार तैयार करने के लिए भी कोर्स डिजाइन किए जाए। हरियाणा कौशल विकास मिशन या श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के तहत इन कोर्सों का परिक्षण दिया जाए, ताकि युवा उद्यमी बन सके। इस संबंध में राज्य स्तर पर भी रूपरेखा तैयार की जाए। साथ ही युवाओं को वित्त प्रबंधन, रिस्क मैनेजमेंट इत्यादि का भी परिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग व बहुतकनीकि संस्थानों से पास-आउट होने वाले विद्यार्थियों को कॉन्ट्रेक्टर में अप्रेंटिसशिप दी जाए।
ठेकेदारों की राह अब और भी होगी आसान: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी व्यवस्था के विजऩ को साकार करते हुए ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल https://works.haryana.gov.in की शुरुआत करने के बाद अब ई-गर्वनेंस की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। राज्य सरकार जल्द ही इंजीनियरिंग कार्यों के लिए ठेकेदारों द्वारा दी जाने वाली बैंक गारंटी को ई-बैंक गारंटी के रूप में स्वीकार करेगी। इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के तहत सरकार के तीन प्राथमिक इंजीनियरिंग विभागों लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके समय की भी बचत होगी।मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोर्टल पर कार्य अपलोड हो जाने के बाद और प्रशासनिक स्वीकृति मिल जाने के बाद उनकी तकनीकि स्वीकृति प्रदान करने में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। यदि 90 दिन से ज्यादा तकनीकि स्वीकृति लंसबित रहती है तो संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राज्य सरकार अपनाएगी ई-बैंक गारंटी की अवधारणा: बैठक के दौरान नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस लिमिटेड के प्रतिनिधियों द्वारा ई-बैंक गारंटी के संबंध में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में ठेकेदारों द्वारा दी जाने वाली बैंक गारंटी (हार्ड कॉपी) की प्रक्रिया लंबी है, जिसमें लगभग 5-6 दिनों का समय लगता है। जबकि ई-बैंक गारंटी से यह काम केवल 3-4 घंटों में ही पूरा हो सकेगा। इससे ठेकेदारों के साथ-साथ सरकारी विभागों को भी सुविधा होगी।
बैठक में बताया गया कि कभी-कभी विभागों को यह पता नहीं चल पाता कि किस ठेकेदार की बैंक गारंटी कब समाप्त हो रही है और वे सशर्त बैंक गारंटी को इनकैश भी नहीं करवा पाते, जिससे वित्तीय नुकसार भी होता है। ई-बैंक गारंटी अपनाने से इस पोर्टल के माध्यम से विभागों को भी अलर्ट जाएगा कि बैंक गारंटी की अवधि क्या है।
सीएम घोषणाओं के तहत 7 हजार से अधिक परियोजनाएं पूरी: बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक मुख्यमंत्री द्वारा कुल लगभग 10 हजार से अधिक मुख्यमंत्री घोषणाएं की गई हैं, जिनमें से 7 हजार से अधिक घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं। लगभग 1500 पर काम चल रहा है, जोकि जल्द ही पूरी हो जाएंगी। इसके अलावा, लगभग 1200 घोषणाएं लंबित हैं, जो प्रशासनिक मंजूरी, तकनीकि स्वीकृति इत्यादि विभिन्न स्तर पर हैं। आज की बैठक में इनमें से 864 घोषणाओं की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो घोषणाएं भूमि की उपलब्धता, रेलवे मंत्रालय, अंतर-विभागीय विषयों के कारण पूरी नहीं हो पा रही हैं, उन पर प्रशासनिक सचिव कड़ा संज्ञान लें और निरंतर बैठकें कर प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करवाएं। मनोहर लाल ने यह भी निर्देश दिये कि सड़क मार्गों की जिन परियोजनाओं के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ संयुक्त रूप से कार्य किया जाना है, ऐसी सभी परियोजनाओं की सूची बनाकर एनएचएआई के साथ बैठक की जाए ताकि परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जा सके।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता और मुख्यमंत्री के ओएसडी सुधांशु गौतम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।