मानव रचना डेंटल कॉलेज और अस्पताल की बीडीएस डिग्री को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से मान्यता मिली

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● संस्थान की उत्कृष्टता को दर्शाती है सरकार की ओर से मिली ये मान्यता
फरीदाबाद (नेशनल प्रहरी/ रघुबीर सिंह)।
मानव रचना डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमआरडीसी) में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की डिग्री को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) की ओर से मान्यता दी गई है। नवीनतम अधिसूचना के अनुसार इस मान्यता की घोषणा की गई है।
साल 2006 में स्थापना के बाद से ही एमआरडीसी लगातार उत्कृष्टता हासिल करने में जुटा हुआ है। शुरुआत में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) से संबद्ध संस्थान को वर्ष 2013 में पंडित बीडी शर्मा विश्वविद्यालय से संबद्धता मिली। इसके बाद वर्ष 2019 में, कॉलेज ने मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के तहत संबद्धता पाई। एमआरडीसी (अब एमआरआईआईआरएस के तहत) NAAC A++ मान्यता प्राप्त और QS 4-स्टार रेटेड है।
प्रिंसिपल डॉ. पुनीत बत्रा के दूरदर्शी मार्गदर्शन में, एमआरडीसी ने खुद को हरियाणा के प्रमुख डेंटल संस्थान के रूप में स्थापित किया है। उत्कृष्ट कार्यों के बल पर कॉलेज ने द वीक बेस्ट कॉलेज रैंकिंग 2023 में हरियाणा में पहले और दिल्ली-एनसीआर में दूसरा स्थान हासिल किया था।
संस्थान ने स्थानीय स्तर के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। साल 2021 में शिक्षा मंत्रालय की NIRF रैंकिंग में मानव रचना डेंटल कॉलेज को भारत में 39 वां स्थान मिला था। एजुकेशन पोस्ट के IIRF-2021 रैंकिंग में ‘सर्वश्रेष्ठ डेंटल कॉलेजों’ में 10वां स्थान पाया था। साथ ही आउटलुक मैगज़ीन ने इसे भारत के शीर्ष 11 निजी दंत चिकित्सा संस्थानों में स्थान दिया है।
एमआरईआई के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि,“एमआरडीसी को परिवार कल्याण मंत्रालय की मान्यता मिलना गौरव की बात है। कॉलेज ने कई बार शैक्षणिक उत्कृष्टता को साबित किया है। साथ ही अत्याधुनिक अनुसंधान कार्य करते हुए ओपीडी में न्यूनतम कीमतों पर बेहतरीन इलाज देकर समाज के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता भी बनी हुई है, जोकि इसे वैश्विक मान्यता की ओर ले जा रही।“
एमआरईआई के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला ने कहा कि, “यह मान्यता अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने, नवीन अनुसंधान को बढ़ावा देने, शैक्षणिक दृष्टिकोण को बेहतर बनाने बड़े पैमाने पर समाज को लाभ देने की संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
एमआरआईआईआरएस के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने आगे कहा, “एमआरआईआईआरएस के साथ एमआरडीसी की संबद्धता दंत चिकित्सा, अनुसंधान, शिक्षण विधियों में उत्कृष्टता के लिए एक साझा दृष्टिकोण से प्रेरित दो संस्थानों के बीच आपसी सहयोग को दर्शाता है।“
एमआरडीसी के प्रिंसिपल डॉ.पुनीत बत्रा ने कहा, “यह मान्यता न केवल हमारी पिछली उपलब्धियों का प्रमाण है, बल्कि एमआरडीसी को और भी उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने के लिए हमें प्रेरणा देगी। हम दंत चिकित्सा शिक्षा में एक वैश्विक संस्थान बनने और अग्रणी रहने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”