विधानसभा में CM मनोहर लाल का एलान: 1992 से अब तक सहकारी समितियों की होगी जांच, स्पेशल टास्क फोर्स का होगा गठन

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चंडीगढ़ (नेशनल प्रहरी/ संवाददाता)। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने बुधवार को बड़ा एलान किया है। सभी जिलों में सहकारी समितियों में अनियमितताओं की जांच करने का फैसला हरियाणा सरकार ने लिया है। एंटी करप्शन ब्यूरो के अंतर्गत स्पेशल टास्क फोर्स का गठन होगा। यह फोर्स 1992 से अब तक बनी सहकारी समितियों में अनियमितताओं की करेगा। राज्य सरकार ने समितियों का ऑडिट करवाया और स्वतः संज्ञान लेकर मामला जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो का सौंपा है। पैसे की रिकवरी के लिए विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रापॅर्टी अटैच की गई है।
किरण चौधरी बोलीं- यह डाका डालने जैसी घटना: सदन में सहकारिता विभाग का घोटाला उठा। कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि यह तो डाका डालने जैसी घटना है। सरकार खजाने की रक्षक होती है। सहकारिता विभाग का घोटाला गरीबों की आंखों पर कुठाराघात है। सरकार में बैठे लोग सहकारिता विभाग को नीचे से खा रहे हैं। वार्षिक ऑडिट सुनिश्चित नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है।
केंद्र सरकार से जो ग्रांट मिलती है, उस पर तो सरकार की विशेष नजर होती है लेकिन सहकारिता विभाग में घोटाला कैसे हो गया। सरकार को सहकारिता घोटाले की फॉरेंसिक जांच करवानी चाहिए तभी वास्तविक नुकसान का पता चल पाएगा। जिस तरीके से घपले की जांच हो रही है, उसे सरकार पर शक पैदा होता है। घोटाले के जिम्मेदार लोग अपने पदों पर आसीन है, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
नीरज शर्मा बोले- सहकारिता विभाग में होता है गरीबों का पैसा : सहकारिता विभाग में अनियमिता मामले में कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि सहकारिता विभाग में गरीबों का पैसा होता है, इसकी जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए। जांच के लिए एक निश्चित समय निर्धारित होना चाहिए। कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि सरकार में कितने घपले हुए लेकिन अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जांच को लेकर सरकार विधानसभा की एक कमेटी बनाए, जो जांच करेंगी।
हमारी सरकार ना तो भ्रष्टाचार को दबा रही, ना ही छिपा रही है: सहकारिता मंत्री
उधर, सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि जैसे ही घपला सामने आया सरकार ने खुद एंटी करप्शन ब्यूरो को जांच का आदेश दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से ज्यादा मिले 100 करोड़ रुपए हैं तो यह घोटाला 500 करोड़ का कैसे हो सकता है। इस मसले में चार लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है। बाकी जांच जारी है।
जिन लोगों ने सरकारी पैसे से प्रॉपर्टी आदि खरीदी है उन सबको अटैच कर दिया गया है। इन सभी से रिकवरी की जाएगी। पिछली सरकारों ने भी सहकारी विभाग में इनका ऑडिट नहीं करवाया था। लेकिन घटना सामने आने के बाद ऑडिट जारी है और आधे से ज्यादा जिलों में ऑडिट का काम लगभग पूरा हो चुका है। विपक्ष अगर सहकारिता विभाग में ऑडिट करवा देता तो आज यह नौबत नहीं आती। हमारी सरकार ना तो भ्रष्टाचार को दबा रही है और ना ही छिपा रही है।
अभय चौटाला बोले- सरकार में अब तक 24 घोटाले हो चुके: अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अब तक सरकार में 24 से ज्यादा घोटाले हो चुके हैं। लेकिन किसी एक की भी जांच नहीं हुई। शराब घोटले की जांच तीन अलग-अलग जांच एजेंसी से करवाई गई। मगर एक की भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। सरकार इस मामले की भी जांच करके रिपोर्ट ठंडे बस्ते में डाल देगी। मंत्री महोदय बताएं कि सहकारी विभाग में अब तक ऑडिट क्यों नहीं हुआ?
सभी सहकारी समितियों की होगी जांच: सीएम मनोहर लाल ने कहा कि ऑडिट में जो कमियां मिलीं उनके ऊपर संज्ञान लिया और जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया है। शुरुआत में चार जिलों में सहकारी विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में करीब नौ करोड़ रुपये का घपला सामने आया है। जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्तियों और बैंक अकाउंट को सील कर दिया गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो घोटाले की जांच कर रहा है। सैकड़ों सहकारिता एजेंसियां हैं। इन सभी की जांच होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से परियोजनाओं के लिए 328 करोड़ रुपये मिले थे। इनमें से करीबन 260 करोड़ रुपये का ही इस्तेमाल होने की बात सामने आ रही है। 70 करोड़ रुपये अभी सहकारिता विभाग के पास हैं।
सदन में रखी गई राज्य गीत कमेटी की रिपोर्ट: बुधवार को ही हरियाणा राज्य गीत कमेटी की रिपोर्ट सदन में रखी गई। इसके बाद सदस्यों को चयनित गीतों को सुनाया गया। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कैलाश खैर राज्य गीत रिकॉर्ड करेंगे। इसलिए अभी इसका फाइनल करने से पहले इंतजार किया जा सकता है।