मुलायम सिंह के निधन से शोक की लहर, सैफई रवाना हुए सपाई

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गाजियाबाद। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन और यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता सैफई के लिए रवाना हुए। मुलायम सिंह के निधन से राजनीतिक पार्टियों में शोक की लहर है। मुलायम सिंह की कार्यशैली, उनके द्वारा किए गए कार्यों और गाजियाबाद में किए योगदान को लेकर हर कोई याद कर रहा है।

धरती पुत्र मुलायम सिंह का जाना राजनीति में बड़ी क्षति

पूर्व विधायक मदन भैया ने कहा कि मुलायम सिंह यादव का मुख्यमंत्री काल याद है कि अगर कोई विपक्षी पार्टी का विधायक भी उनसे मिलकर अपनी शिकवा शिकायत दर्ज कराता था तो उस पर संजीदगी के साथ कार्रवाई होती थी। वास्तव में नेताजी लोकतंत्र के सच्चे हिमायती और पक्के लोहिया वादी थे। मुलायम सिंह अपने नाम के अनुरूप ही हृदय से बहुत मुलायम थे। भले ही राजनीतिक बयानों में नेता कुछ भी तोहमत लगाते रहे हों लेकिन हर राजनीतिक दल का नेताए नेताजी का दिल से सम्मान करता था।

सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलते थे

रालोद के महानगर अध्यक्ष अरुण चौधरी भुल्लन ने कहा कि समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को देश की राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा। किसानों मजदूरों और गरीबों की आवाज उठाने वाले नेता जी के निधन पर आज सभी की आंखें नम है। लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि वह हमारे बीच नहीं रहे। मुलायम सिंह यादव जी ऐसे नेता थे जो छोटे बड़े सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर आगे बढ़ते थे। यही वह बात है जो नेताजी मुलायम सिंह यादव का कद देश की राजनीति में इतना ऊंचा कर देता है जिसके आसपास भी पहुंचना आसान नहीं है।

राजनीति में हमेशा याद किए जाएंगे नेताजी

सपा के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी ने कहा कि मुलायम सिंह आम जनता के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ कर गए हैं। राजनीति में जब भी समाजवाद की चर्चा होगी तो मुलायम सिंह को जरूर याद किया जाएगा। राजनीति में अनसुलझे प्रश्नों का जब हल ढूंढने का प्रयास किया जाएगा तो नेताजी याद आएंगे। मुलायम सिंह का जाना प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि देश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।

पुल के भूमि पूजन के बाद कार्यकर्ता के घर पहुंचे थे खाना खाने

1990 में मुलायम सिंह सुराना गांव के पास हिंडन नदी पर बनने वाले पुल के भूमि पूजन करने आए थे। इस दौरान उन्होंने वैशाली में श्रीकृष्ण भवन के निर्माण से पहले भूमि पूजन किया था। इसके बाद मुलायम सिंह तत्कालीन यूथ आल इंडिया सचिव अधिवक्ता नाहर सिंह यादव के दयानंद नगर स्थित आवास पर खाना खाने के लिए आए थे। उनके साथ हरिद्वार से तत्कालीन जनता दल विधायक विरेंद्र सिंह भी मौजूद थे। उस समय मुलायम सिंह ने सुरक्षा घेर तोड़कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। नाहर सिंह ने बताया कि जनता पार्टी की सरकार में छात्र यूनियन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद नाहर सिंह राजेंद्र चौधरी की उपस्थिति में प्रतिबंध हटाने के लिए ज्ञापन सौंपा और लखनऊ पहुंचने के बाद मुलायम सिंह ने प्रतिबंध हटा दिया था।

विपक्षी दलों को भी तवज्जो देते थे मुलायम सिंह

नाहर सिंह ने बताया कि 1990 में अयोध्या बाबरी मस्जिद को लेकर भाजपा से मुखर विरोध चल रहा था। उस समय भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष रमेश चंद तोमर के एक रिश्तेदार अभियंता को अनपरा परियोजना से आठ घंटे में कानपुर ट्रांसफर करके ज्वाइन करा दिया था। इस ट्रांसफर का विरोध तत्कालीन विधायक सुखवीर सिंह गहलोत ने किया तो मुलायम सिंह ने कहा था कि विपक्षी दल के लोग भी हमारे देश और प्रदेश के नागरिक हैं, किसी की परेशानी दूर करना सबसे बड़ी राजनीति होती है।

हैदराबाद से फर्जी मुठभेड़ की जांच कराकर दोषियों को भिजवाया था जेल

1989 में पुलिस ने रईसुद्दीन को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। उस समय मुलायम सिंह हैदराबाद गए थे। सूचना मिलने पर उन्होंने डीआईजी को भेजकर तत्काल जांच रिपोर्ट मांगी। जांच में मुठभेड़ फर्जी पाए जाने पर आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया था।