शारदा मित्तल शोध पत्र के लिए मॉरीशस में ‘सहोदरी रत्न’ उपाधि से सम्मानित

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फरीदाबाद (नेशनल प्रहरी/ रघुबीर सिंह)। विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी ) को मॉरीशस के महात्मा गांधी संस्थान‌ में हुए नौवें विश्व हिंदी अधिवेशन में हरियाणा की निवासी शारदा मित्तल को उनके शोध पत्र के लिए ‘सहोदरी रत्न’ की उपाधि से सम्मानित किया गया । इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन द्वारा किया गया । महात्मा गांधी संस्थान के महानिदेशक राजकुमार रामप्रताप तथा निर्देशिका श्रीमती विद्योत्तमा कुंजल ने अपनी गरिमामयी उपस्थिती से कार्यक्रम को नए आयाम प्रदान किए। मॉरीशस के मूर्धन्य विद्वान लेखक रामदेव धुरंधर ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर सभी प्रतिभागियों को आशीर्वाद दिया ।
सभी वक्ताओं ने अपने व्याख्यानों तथा काव्य पाठ द्वारा हिंदी भाषा के उत्थान पर गहन विचार विमर्श भी किया। शारदा मित्तल, प्रीति मिश्रा, स्मिता मिसरा को मारीशस नेशनल रेड़ियों पर ‘एक घण्टे का लाइव कार्यक्रम ‘साहित्य दर्पण’ में श्रोताओं के रुबरू होने का, काव्य पाठ करने का सुअवसर मिला साथ ही श्रोताओं की ढेर सारी वाहवाहीभी । इस यात्रा में विश्व हिंदी सचिवालय देखना वहां के कार्यकर्ताओं से मिलना तथा उपनिदेशक माधुरी रामधारी जी से भेंट एवं वार्तालाप विशेष उल्लेखनीय है। दोनों संस्थानों ने कालेज के विद्यार्थियों के शोधार्थ अपने विशाल पुस्तकालय में रखने के लिए भारत से गये लेखकों की पुस्तकों की मांग की। वहां के निवासी मारीशस को ‘छोटा भारत’ कहते हैं। सच ही तो है मारीशस का स्वरूप बदलने वाले हमारे बिहार और उत्तरप्रदेश के लोग ही तो हैं, जिन्होंने वहां भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को ज़िन्दा रखा है । सभी त्योहार बडे उल्लास, भारतीय वेशभूषा व परम्परा से मनाए जाते हैं। अनेको मंदिर हैं, गंगा सागर के तट पर शिव, पार्वती की विशालकाय मूर्ति विद्यमान हैं। हर हिन्दू के घर में रामचरित मानस तथा आंगन में हनुमान जी का चौरा है। बातचीत के दौरान मालूम हुआ कि वो लोग भारत आना चाहते हैं अपनी जड़ो को खंगालने पर उन्हें गावों में ठहरने की व्यवस्था नहीं मिलती। भविष्य में शायद ये भी संभव हो पाये । यह अधिवेशन भाषा सहोदरी न्यास और महात्मा गांधी संस्थान के सहयोग से आयोजित हुआ ।